Uttarakhand New Bhu Act उत्तराखंड नए भू-कानून के तहत बड़े बदलाव, आज ही जानें

Uttarakhand New Bhu Act: जब से उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया है तब से ही प्रदेश में एक सशक्त भू कानून की मांग उठाई जा रही है । उत्तराखंड राज्य में लगातार विभिन्न सरकारों के आने जाने के दौरान भूमि की खरीद फरोख्त पर अंकुश लगाने की मांग लगातार उठाई जाती रही है।  इसी क्रम में आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम पुष्कर धामी ने उत्तराखंड के लिए एक सशक्त भू कानून बनाने का निर्णय कर लिया है।

जैसा कि हम सब जानते हैं उत्तराखंड एक मध्य हिमालय पर्वतीय राज्य है जो अपने विशिष्ट भूखंडों की वजह से जाना जाता है । यहां की भौगोलिक परिस्थितियाँ जितना ज्यादा चुनौती देती है उतना ज्यादा यहां की संस्कृति लोगों को आकर्षित करती है । पर्यावरण की सुंदरता और हिमालय क्षेत्र यहां लोगों को निश्चित ही अपनी और खींच लेता है । ऐसे में उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से भूमि की खरीद फरोख्त पर एक पुख्ता कानून की जरूरत लोगों को महसूस हो रही है।

Uttarakhand New Bhu Act: अब तक कई बार हो चुका है संशोधन

पर्वतीय चुनौतियों की वजह से उत्तराखंड के पहाड़ी लोग अपनी भूमि बेचकर पलायन कर रहे हैं । ऐसे में यह ध्यान देना सरकार का काम है की भूमि किसे बेची जा रही है । परिणाम स्वरुप भू कानून की मांग लगातार राज्य में उठाई जा रही है। वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने भू कानून में संशोधन किया था और भूमि खरीद का दायरा 12.5 एकड़ से बड़ा कर 30 एकड़  कर दिया गया था ।

ऐसे में लचीले भूमि खरीद कानून का विरोध किया गया और भूमि खरीद के नए संशोधन नियम लागू किए गए । 2002 में एनडी तिवारी सरकार ने इस नियम पर रोक लगाई और कृषि भूमि की खरीद पर सशक्त प्रतिबंध लगा दिया गया । इसके बाद खंडूरी सरकार ने 500 वर्ग मीटर भूमि की खरीद की अनुमति को घटाकर 250 वर्ग मीटर कर लिया और अन्य प्रावधान भी लागू कर दिए।

JoSAA Round 4 Seat Allotment Result 2025 (6 July) डायरेक्ट लिंक से करें डाउनलोड!

SBI Clerk Notification 2026: Eligibility, Vacancy, Online Application And Exam Date

उत्तराखंड नए भू-कानून के तहत बड़े बदलाव

आज भी उत्तराखंड में पहाड़ी निवासियों द्वारा पलायन लगातार जारी है।  जिसको देखते हुए उत्तराखंड में भी हिमाचल प्रदेश की तरह ही भूमि कानून बनाए जाने की मांग उठाई जा रही है। दोनों राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियाँ लगभग एक जैसी ही हैं।  ऐसे में कृषि भूमि खरीदने की अनुमति की मांग उत्तराखंड में भी हिमाचल की तरह ही उठाई जा रही है । जहां कृषि योग्य भूमि को गैर कृषकों को बेचने पर रोक लगाई जा सके। 

ऐसे में हिमाचल में यह नियम है कि कोई भी गैर कृषक कृषि योग्य जमीन नहीं खरीद सकता । वहीं हिमाचल के बाहरी राज्य का कोई भी व्यक्ति हिमाचल में आसानी से भूमि नही खरीद सकता। ऐसे ही कानून को लागू करने के लिए उत्तराखंड में भी मांग तेज हो चुकी है और अब धामी सरकार भी इसी दिशा में नए कानून बनाने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है।

CM धामी ने दे दिए हैं भू कानून के आदेश

उत्तराखंड में भू कानून बनाने की दिशा में CM पुष्कर धामी ने सख्त कदम उठा लिए हैं और अब राज्य में कृषि जमीन को बेचने पर प्री वेरिफिकेशन जैसी प्रक्रिया शुरू करने दी गई है । प्री वेरिफिकेशन के अंतर्गत अब जमीन खरीदने और बेचने वालों से सवाल तलब किए जाएंगे और यह देखा जाएगा की जमीन किस मकसद से खरीदी या बेची जा रही है ? वहीं कृषि और उद्यान के कार्यों के लिए राज्य से बाहर के लोगों को जमीन खरीदने पर रोक लगाने का भी नया नियम बनाया जा रहा है ताकि कृषि योग्य जमीनों पर कंस्ट्रक्शन ना हो सके।

उत्तराखंड में कृषि योग्य जमीन बेचने पर लगेगी पाबंदी

हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू कानून के संबंध में कुछ राज्य  स्तरीय बैठक गठित की थी जिसमें कमेटी में विशेषज्ञ की राय ली गई और यह फैसला किया गया कि ऐसे व्यक्ति जो उत्तराखंड राज्य में अचल संपत्ति धारक नहीं है उन्हें कृषि और उद्यान हेतु जमीन खरीदने के कोई अधिकार नहीं दिए जाएंगे । वहीं यदि कोई व्यक्ति कृषि या उद्यान हेतु जमीन को खरीद या बेच रहा है तो ऐसे में समितियां द्वारा पूरी सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जाएगी और यह देखा जाएगा की जमीन खरीदने और बेचने का कारण क्या है ताकि कृषि योग्य जमीन किसी बाहर वाले व्यक्ति को ना बेची जाए।

E-Shram Card Yojana 2025 – सरकार दे रही है ₹3000 हर महीने, आज ही भरें यह फॉर्म!

Free Laptop Yojana 2025 – 10 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ, जानिए क्या आपका भी नाम है शामिल?

बेचने और खरीदने से पूर्व होगा कड़क वेरिफिकेशन

उत्तराखंड में बढ़ते हुए टूरिज्म को देखते हुए भी कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेना सरकार के लिए जरूरी हो गया है । ऐसे में बाहरी व्यक्तियों को जमीन खरीदने की अनुमति न देकर सरकार एक महत्वपूर्ण निर्णय ले चुकी है ताकि उत्तराखंड से पलायन रोका जा सके और कृषि योग्य जमीनें कंस्ट्रक्शन साइट बनाने के लिए ना बेची जाए जिससे उत्तराखंड के भौगोलिक स्थिति पर कोई विपरीत असर न पड़े और भविष्य में होने वाली आपदाओं और त्रासदियों पर रोक लगाई जा सके।

निष्कर्ष

इस प्रकार उत्तराखंड सरकार एक सशक्त भू कानून के लिए आवश्यक कदम उठाने के इरादे से महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर चुकी है और अब इसी क्षेत्र में महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि औद्योगिक प्रयोजन अस्पताल और शिक्षण संस्थानों जैसे कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए और कोशिश की जाए कि कृषि योग्य और उद्यान योग्य भूमि ना बेची जा सके ताकि उत्तराखंड को किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना न करना पड़े।

govtschemes.co

Leave a Comment