PM Kisan Samman Amount: कृषि हमारे देश का महत्वपूर्ण व्यवसाय है ऐसे में कृषकों के लिए केंद्र सरकार लगातार विभिन्न प्रकार की योजनाएं और सब्सिडी का गठन करती रहती है । इसी क्रम में इस वर्ष भी उम्मीद लगाई जा रही है कि केंद्र सरकार कृषकों के लिए जरूर कोई महत्वपूर्ण फैसला लेगी। इस वर्ष कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत छोटे किसानों की आर्थिक सहायता को ₹6000 से बढ़ा कर ₹8000 करने वाली है।
किसानों ने लंबे समय से पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को दुगुनी करने की मांग सरकार से की है. पिछले महीने, भारतीय किसान संघ (RSS) ने भी खेती की बढ़ी लागत के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाने की मांग की थी। पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को पहले भी कई बार बढ़ाने की मांग की गई है, इसलिए इस बजट में उम्मीद की जाती है कि केंद्र सरकार इस योजना के तहत तीन की जगह चार किस्तें दे सकती है, जैसा कि मीडिया में कहा जाता है।
PM Kisan Samman Amount 8000?
पाठकों की जानकारी के लिए बता दे केंद्र सरकार द्वारा कृषकों के लिए किसान सम्मान निधि योजना का संचालन किया जा रहा है । इस योजना के अंतर्गत किसानों को ₹6000 सालाना आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं । इस योजना की सहायता राशि को इस वर्ष बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है जिसमें कहा जा रहा है कि किसानों को हर वर्ष ₹6000 की जगह ₹8000 उपलब्ध करवाए जाएंगे जिससे उनकी वार्षिक सहायता राशि को बढ़ोतरी मिलेगी।
मजदूरों को मिलेगी न्यूनतम रोजगार गेरेन्टी
किसान सम्मान निधि योजना के तरह ही केंद्र सरकार न्यूनतम रोजगार गारंटी कार्यक्रम में भी सालाना भुगतान को बढ़ाने की योजना बना रही है। कहा जा रहा है कि इन सभी योजनाओं में महिला किसानों के लिए वित्तीय सहायता की राशि को भी बढ़ा दिया जाएगा । वही यह कोशिश की जाएगी की न्यूनतम रोजगार गारंटी कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदकों को ज्यादा से ज्यादा भुगतान किया जा सके।
सरकार के खजाने पर अतिरिक्त भार निश्चित रूप से पड़ेगा परंतु इस सभी के बावजूद भी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कृषकों और मजदूरों को लाभ जरूर मिले। वहीं इस वर्ष के बजट में कृषि संगठनों और विशेषज्ञों को शोध करने के लिए भी अतिरिक्त बजट दिया जाएगा। वर्ष 2025 के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में तरक्की करने के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा शोध कार्यों और कृषि तकनीक के विस्तार के लिए अलग से बजट पारित किया जाएगा । इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन को लेकर कृषि क्षेत्र में शोध पर जोड़ दिया जाएगा इसके लिए बजट निश्चित रूप से आंबटित किया जाएगा ।
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उर्वरक सब्सिडी के लिए भी होगा बजट पारित
वित्त मंत्रालय द्वारा यह भी कोशिश की जाएगी कि इस वर्ष किसानों को उर्वरक सब्सिडी और उपकरण सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा सके ताकि किसानों को खेती से अतिरिक्त फायदा निश्चित रूप से हो और वह बेहतर आय अर्जित कर सके। कुल मिलाकर किसानों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा जिसमें यह कोशिश की जाएगी कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाया जाए वही शोध विषयक बजट के लिए भी आंबटन अलग से किया जाए।
केंद्र सरकार यदि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता राशि को बढ़ा देती है तो इससे किसानों को निश्चित रूप से फायदा होगा । सालाना ₹8000 की इस सब्सिडी राशि के माध्यम से किसानों को अब वर्ष में चार बार ₹2000 की किस्तों का लाभ मिलेगा अथवा यह भी हो सकता है कि सरकार किसानों को वर्ष में तीन बार 2000 की जगह 2500 रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाये । कुल मिलाकर इस सहायता राशि के बढ़ने से किसानों को निश्चित रूप से थोड़ी बहुत रहता तो जरूर मिलेगी।
कृषि शोध कार्य का होगा विकास
वहीं केंद्र सरकार उर्वरक सब्सिडी और उपकरण सब्सिडी को भी लागू करने वाली है जिससे किसानों को खेती उपयोगी उर्वरक कम दामों पर मिलेगी । वहीं खेती बाड़ी करने के लिए तकनीकी उपकरणों पर भी अतिरिक्त छूट मिलेगी जिससे उन्हें निश्चित रूप से बेहतर कृषि आय अर्जित करने का मौका मिलेगा । कुल मिलाकर इस वर्ष केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में जुझारू परिवर्तन करने पर जोर दे रही है जिसमें यह कोशिश की जा रही है कि कृषि के बुनियादी ढांचे के विकास को पहले सुनिश्चित किया जा सके ताकि भविष्य में देश में बेहतर कृषि के अवसर मिल सके और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर यह साल किसानों और मजदूरों के लिए लाभकारी सिद्ध होने वाला है ,जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार बजट आंबटन के दौरान इन दोनों वर्गों को ध्यान में रखकर राजकोषीय घाटे को कम करने का लक्ष्य बनाने के बावजूद भी इन दोनों वर्गों के ऊपर अतिरिक्त खर्च करने के लिए तैयार दिखाई देगी जिससे निश्चित रूप से कृषि के बुनियादी ढांचे का विकास होगा और भविष्य में कृषकों और मजदूरों को लाभ होगा।